एक और नज़्म:तमन्नाएँ आप सभी के लिए लेकर आया हूँ। दोस्तों हम सब की कुछ न कुछ तमन्नाएँ होती हैं, कभी पूरी होती हैं तो कभी अधूरी रह जाती है, फिर भी हम इन्हीं तमन्नाओं को जकड़े रहते हैं, फ़िर एक नई तमन्ना दिल में दस्तक देने लगती है। सुनिए तमन्नाओं के बारे में ये नज़्म
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